माननीय टीकाराम जूली का जीवन परिचय

टीकाराम जूली 2004 में जिला परिषद् अलवर के पहली बार सदस्य बने और उसी समय सबसे कम उम्र के जिला प्रमुख होने का गौरव भी प्राप्त किया। अलवर ग्रामीण विधानसभा का 2008 में कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रत्याशी बनाया गया जिसमें विजयी हुए और 2013 तक विधायक रहे । 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को अच्छे परिणाम दिलाये और अलवर ग्रामीण विधानसभा से विजयी हुये । राजस्थान के मंत्रीमण्डल मे श्रम, कारखाना बॉयलर्स निरीक्षण विभाग (स्वतंत्र प्रभार), सहकारिता एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना विभाग राजस्थान के राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी। वर्तमान में राजस्थान सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा कारागार विभाग संभालते हुए केबिनेट मंत्री के पद पर है ।

टीकाराम जूली का जन्म 3 सितम्बर 1980 को बहरोड तहसील के ग्राम काठूवास में दलित परिवार के ठेकेदार लेखराम के घर हुआ । रेवाडी कॉलेज से बी.ए. की डिग्री और अलवर के लॉ कॉलेज से एल.एल.बी. व डी.एल.एड.की डिग्री प्राप्त की । टीकाराम जूली 2004 में जिला परिषद् अलवर के पहली बार सदस्य बने और उसी समय सबसे कम उम्र के जिला प्रमुख होने का गौरव भी प्राप्त किया । जूली की ईमानदारी और स्वच्छ छवि के आधार पर उन्हें अलवर ग्रामीण विधानसभा का 2008 में कांग्रेस पार्टी द्वारा प्रत्याशी बनाया गया जिसमें जूली विजयी हुए और 2013 तक विधायक रहे । विधायक पद पर रहते हुए जूली ने केवल ग्रामीण विधानसभा अलवर की जनता के विकास कार्यों में रूचि ली बल्कि सम्पूर्ण अलवर जिले के युवा कार्यकर्ताओं, मजदूरां, किसानों और दलितों को स्वयं की कार्यशैली से उनके व्यक्तित्व और सार्वजनिक कार्यों में रूचि लेकर उन्हें स्वयं से जोड़ा और इसी का परिणाम हुआ कि राष्ट्रीय कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अलवर जिले के जिलाध्यक्ष पद पर स्वैच्छिक उपयुक्त व्यक्ति मानकर उन्हें जिलाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी । 11 फरवरी 2016 से आज तक जूली जी कांग्रेस की कमान को संभालकर भंवर जितेन्द्र सिंह जी के नेतृत्व में राष्ट्रीय व प्रदेश कांग्रेस के प्रत्येक कार्यक्रम एवं अलवर जिले की जनससमयाओं को भली भांति निभा रहे है । अलवर जिले में कांग्रेस की सशक्त विपक्ष की भूमिका निभा कर नैतिक मूल्यों का परिणाम है कि 2018 के विधानसभा चुनावों में कांग्रेस को अच्छे परिणाम दिलाये और अलवर ग्रामीण विधानसभा से जूली विजयी हुये । राजस्थान के मंत्रीमण्डल मे श्रम, कारखाना बॉयलर्स निरीक्षण विभाग (स्वतंत्र प्रभार), सहकारिता एवं इंदिरा गांधी नहर परियोजना विभाग राजस्थान के राज्य मंत्री की जिम्मेदारी दी गई थी। वर्तमान में राजस्थान सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा कारागार विभाग संभालते हुए केबिनेट मंत्री के पद पर है ।
ग्रामीणों के विकास के लिए किए कार्य
उनका मानना है कि जिन्दगी में जो भी करो दिल्लगी से करो । यदि काम में देरी की तो आने वाले समय में आपकी जगह कोई और ले जायेगा । उन्होंने क्षेत्र की समस्याओं को जान कर उन समास्याओं को दूर करने के लिए काम करना शुरू किया । सबसे पहले उन्होंने पेयजल व्यवस्था को सुधारा । उनका मानना है कि जब तक लोगों को पीने के लिए साफ पानी नहीं मिलेगा तब तक वे स्वस्थ्य नहीं रह सकते । यदि वे स्वस्थ नहीं रहेगे तो उनके दैनिक काम के साथ अन्य बिजनेस व दूसरे काम प्रभावित होगे । ऐसे में किसी भी क्षेत्र का विकास किया जाना सम्भव हीं नहीं है । इसीलिए उन्होंने सबसे पहले पानी के लिए प्रोजेक्ट पर काम करना शुरू किया । इसके बाद लोगों की दूसरी प्राथमिकता बिजली की परेशानी को दूर करना था । ग्रामीण क्षेत्र में अधिकांश लोग खेती करते हैं, ऐसे में उन्हें बिजली नहीं मिलने से वे लोग काफी परेशान होते है और फसल भी प्रभावित होती है । यहां तक कि छोटे रोजगार वालों को दिन में यदि आठ घंटे भी बिजली नहीं मिल पाए तो उनका धंधा चौपट होने लगता है । इन परेशानियों को देखते हुए टीकाराम जूली ने बिजली के पोल लगवाए और ग्रामीण क्षेत्र में अतिरिक्त बिजली देने का निर्णय किया । उनके प्रयास रंग भी लाए और अलवर के ग्रामीण क्षेत्रों में पानी और बिजली की समस्या काफी हद तक कम हुई । इसके अलावा किसी भी क्षेत्र के विकास में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है वहां की सडक । यदि सडके ही अच्छी नहीं होगी या आवागमन के पर्याप्त संसाधन नहीं होगे तो लोगों को रोजगार और आने जाने में दिक्कते होगी । इसीलिए उन्होंने क्षेत्र में सडकों के निर्माण कराने का निर्णय किया । पानी, बिजली और सडक की मूलभूत परेशानियों को दूर करने के लिए उन्होंने 400 करोड रुपए विकास कार्य में खर्च कराए । इस राशि से न केवल विकास कार्य हुए बल्कि लोगों के जिन्दगी पर भी सकारात्मक असर देखने को मिला । उनका कहना है कि शहर में जिस तेजी से विकास हो रहा है उतनी तेजी से गांवों में नहीं । उसकी एक वहज यह भी है कि गांव के लोग और युवा शहर में जाकर रहने लगे है ं। पहले वे रोजगार के लिए जाते है और फिर समय बीतने के साथ ही शहर में ही स्थाई निवास बना लेते हैं । इसलिए गांवों में रोजगार के उपक्रम बढ़ाने चाहिए ताकि गांवों में भी विकास कार्य हो सके।

विकास के साथ मूल्यांकन भी जरूरी-टीकाराम
जूली कहते हैं कि स्वयं पर विश्वास ही सबसे बडा हौसला देता है। यदि आप खुद पर ही विश्वास नहीं करोगे तो दूसरे आप पर कैसे और क्यों विश्वास करेगे। इसलिए समाज में स्वयं को बनाए रखने और कुछ करने के लिए खुद पर विश्वास होना बहुत ही जरूरी है। आपको अपनी क्षमताएं बतानी नहीं होती बल्कि दिखानी पडती है। लोगों ने आपको लीडर चुना है तो लीडरशिप करनी ही होगी। आपको सभी को साथ लेकर विकास का काम करना होगा। खुद का रोज मूल्यांकन करना ही होता है। जब तक आप स्वयं की गलतियां नहीं निकालोगे तो बेहतर कभी नहीं हो सकते। साथ ही कहते है कि राजनीति और राजनीतिज्ञ के लिए लोगों की छवि काफी बदली है। इसलिए उनकी धारणा के बदलने के लिए आपको ईमानदार होना होगा। यदि आप ईमानदार नहीं होगे तो लोग केवल उंगलियां उठाएंगे बल्कि स्वयं से नजरें भी नहीं मिला सकते। वहीं टेक्नोलॉजी के युग में लोगों से कुछ भी छिपा पाना नामुमकिन है। ऐसे में अपने काम को ईमानदारी से नहीं कर सकते है तो स्वयं के और लोगें की नजरों में कभी बेहतर नहीं हो सकते। जूली कहते हैं कि ऐसा कोई इंसान नहीं है जिसके जीवन में कभी पेशानियां नहीं आती हो। लेकिन इन परेशानियों से घबराना नहीं चाहिए और बुद्धिमता से उन्हें दूर करना चाहिए। आप हौंसला रखते हैं तो आपको महसूस होता है कि सभी लोग आप के साथ खड़े है और यदि जब आपको महसूस होता है कि आपके साथ लोग है तो हौंसला अपने आप बुलंद हो जाता है और कदम सही दिशा में आगे बढ़ते है। वहीं जिन्दगी में अनुशासन भी काफी जरूरी है। अनुशासन वह है जो आपको दूसरों से अगल बनाता है। आप खुद मजबूत बनते हैं।
जनसमस्याओं को उठाकर बने जनप्रिय
जूली की प्रतिभा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि कई मामलों में उन्होंने राष्ट्रीय स्तर तक मामलों को उठाया है और जो जिम्मेदारी उन्हें दी गई है उसे बहुत ही बखूबी निभाया गया है। कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष सोनिया गांधी जी के निर्देश पर सचिन पायलट ने उन्हें अलवर जिला कांग्रेस कमेटी के जिलाध्यक्ष पद पर नियुक्ति दी गई। साथ ही जो भी काम उन्हें सौंपा गया और स्थानीय समस्याओं को बेहतरीन तरीकों से उठाया और लोगों की उन परेशानियों को दूर किया जो काफी समय से लंबित चल रही थी। ऐसे में वे लोगों के काफी प्रिय बन गए है और लोगों को उम्मीद है कि वे देश की राजनीति में बड़ा मुकाम हासिल करेंगे।
विपरीत परिस्थितियों में भी पाया मुकाम
ग्रामीण बताते है-टीकाराम जूली के दादाजी फूसाराम जूली बहुत ही जिंदादिल इंसान थे। बाद में फौज में चले गये। फौज में मजदूरी करते हुए भी उन्होंने अपने सीनियर्स के दिलों में जगह बनाई। बाद में वर्ष 1976 में वे फौज से आ गए। गांव आने के बाद उन्होंने सब्जी और फिर लकड़ी बेचने का काम शुरू किया। कुछ दिन बाद ही टीकाराम के पिता लेखराज जूली अपने दादा का हाथ बंटाने लगे और बिजनेस को बढ़ाया। लेखराज को राजनीति का शौक था, सो वे सरपंच बन गए। इसी दिशा में आगे बढ़ते गए और मेघवाल समाज की मुहिम को आगे बढ़ते गए उसे मूर्त रूप दिया। बाद में लेखराज जूली इसके संस्थापक बने और वर्ष 2004 से 2007 तक उन्हांने ब्लॉक अध्यक्ष के रूप में नीमराणा में काम किया। इसके बाद उन्होंने मातादीन को यह कमान सौंप दी। आमजन के हितों को ध्यान में रखते हुए उनके कामों को देखते हुए वर्ष 2009 में उन्हें जिलाध्यक्ष भी चुना गया। 16 जून को उनका देहांत हो गया। वर्ष 2000 में टीकाराम जूली पूरा व्यवसाय संभालने लगे। कड़ी मेहनत और लोगों के विश्वास ने उन्होंने कुछ ही दिनों में बिजनेस को बहुत बढ़ा लिया और समाज के नया मुकाम हासिल किया। चार साल में ही जूली वर्कर से लेकर मैनेजर तक के सभी काम करने में निपुण हो चुके थे और उन्हें क्षेत्र के हर काम की बारीकी से जानकारी हो गई थी। इसी मेहनत का परिणाम था कि कुछ ही दिन बाद उन्हें यूएसए का प्रोजेक्ट मिला और उन्होंने कुछ ही दिनों में उसे पूरा कर दिया। बस यही से उनका पूरे क्षेत्र में नाम होने लगा। उन्हें जानने के साथ ही लोग उनकी कार्यक्षमता को पहचानने लगे। यहां तक की यूएसए में भी लोग टीकाराम जूली को जानने लगे।